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समय की पुकार

*समय की पुकार*

सीमा पे हो गया है,यह चीन बेईमान,
देगा जवाब इसको,यह मुल्क़ हिंदुस्तान।।

अब हो गया जरूरी,इसको जवाब देना,
पाकर जवाब वाजिब,सुधरेगा पाकिस्तान।।

दोनों ये राष्ट्र अनुचित,उठाते सदा क़दम,
दोनों को रौंद देंगे,भारत  के  नौजवान।।

नेपाल की भी नीयत,लगती नहीं है ठीक,
पड़ोसियों का होना,बेहतर,नहीं नादान ।।

उसको सबक़ भी दें सभी,धीरे से,प्रेम से,
रिश्ता हमारा उसका,प्राचीनता की शान।।

रक्षक सभी हैं सैनिक सीमा पे ज़िम्मेदार,
महफ़ूज़ रखें मुल्क़ को,जैसे रखें भगवान।।

बुरी नज़र है पड़ती,जैसे ही दुश्मनों की,
झट-पट हमारे सैनिक,देते लहू का दान।।

चलो, करें नमन इन्हीं को, मिलकर अभी सभी,
भारत के ये हैं गौरव, ये देश के गुमान।।

हो जाते हैं शहीद ये,भारत की आन पे,
शत-शत नमन है उनको,जिनकी गईं हैं जान।।

अब तो जवाब ईंट का,पत्थर से है देना,
खोना नहीं है मुल्क़ की,सनातनी पहचान।।
                ©डॉ0हरि नाथ मिश्र
                    9919446372

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1 Comments

Gunjan Kamal

10-Sep-2023 09:18 PM

👏👌

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